- साधारण परिवार से निकल कर मेहनत और समर्पण से पाई डिप्टी कलेक्टर की सफलता
- पिता की सीख और एसडीपीओ की प्रेरणा बनी सफलता की कुंजी
- युवाओं को संदेश : सीमित संसाधन में भी संभव है सिविल सेवा की तैयारी
जेबी लाइव, रिपोर्टर
बहरागोड़ा प्रखण्ड के राजलाबांध गांव के रहने वाले कुंदन कुमार सिंह ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) की 11वीं से 13वीं संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा 2023 में 108वां स्थान प्राप्त कर बहरागोड़ा को गौरवान्वित किया है। समाजसेवी गजेंद्र सिंह और शकीला देवी के छोटे पुत्र कुंदन की इस सफलता से परिवार के साथ-साथ पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। कुंदन का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर हुआ है, जो ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणादायक मिसाल है।
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कुंदन कुमार सिंह की प्रारंभिक शिक्षा सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, बहरागोड़ा में हुई, जिसके बाद उन्होंने डीएवी पब्लिक स्कूल से 10वीं की परीक्षा 91.2% अंकों से उत्तीर्ण की। इंटरमीडिएट की पढ़ाई उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, रांची से जीव विज्ञान विषय में की और 83.2% अंक प्राप्त किए। हालांकि नीट में डेंटल कॉलेज में चयन हुआ, लेकिन उन्होंने मेडिकल क्षेत्र छोड़कर सिविल सेवा की राह चुनी। मगध विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री लेकर उन्होंने प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी शुरू की।
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कोविड काल के दौरान घर पर रहकर ही कुंदन ने अपनी तैयारी की शुरुआत की। 2021 में जेपीएससी की 7वीं से 10वीं परीक्षा में प्रारंभिक परीक्षा पास करने के बावजूद मुख्य परीक्षा में असफल रहे। हार नहीं मानते हुए उन्होंने रांची के कैटालिस्ट कोचिंग संस्थान से विशाल सर के मार्गदर्शन में पुनः मेहनत शुरू की। अंततः 2023 में उन्हें सफलता मिली और वे डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयनित हुए।
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कुंदन ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए बताया कि उनके पिता ने हर असफलता में उन्हें हिम्मत दी और कहा कि यदि सिविल सेवा में सफलता नहीं भी मिली, तो वे पारिवारिक व्यवसाय को संभाल सकते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने अपने पिता के व्यवसाय में भी योगदान दिया, जिससे उन्हें जीवन के व्यावहारिक अनुभव मिले। घाटशिला के तत्कालीन एसडीपीओ राजकुमार मेहता से मुलाकात ने उन्हें प्रशासनिक सेवा की ओर प्रेरित किया।
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कुंदन ने कहा कि उन्होंने प्रतिदिन 10 से 12 घंटे पढ़ाई की और उत्तर लेखन अभ्यास को सफलता का सबसे बड़ा कारक माना। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं से अपील की कि वे सिविल सेवा की तैयारी में आगे आएं क्योंकि इसमें समाज को बदलने का अवसर मिलता है। उन्होंने बताया कि आज के समय में सीमित संसाधनों के बावजूद ऑनलाइन माध्यम से तैयारी संभव है। उनके बड़े भाई डॉ. चंदन कुमार सिंह लैप्रोस्कोपिक सर्जन हैं और बहन सुनीता सिंह विवाहित हैं। कुंदन की यह सफलता पूरे बहरागोड़ा के लिए गर्व का विषय है।