- विपक्ष के विरोध के बीच केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन और प्रह्लाद जोशी ने चुनाव आयोग के पुनरीक्षण की खुलकर समर्थन किया
- बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष का विरोध जारी
जेबी लाइव, रिपोर्टर
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने शुक्रवार को चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का समर्थन करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने गैर-नागरिकों, डुप्लिकेट मतदाताओं और स्थायी रूप से विदेश में रहने वालों को मतदाता सूची से हटाने के फैसले को संवैधानिक बताया। ललन सिंह ने विपक्ष के विरोध पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या फर्जी मतदाताओं के साथ चुनाव होना चाहिए? उन्होंने कहा कि देश के लोग इस पहल का समर्थन करते हैं और इसे लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करने वाला कदम बताया। उन्होंने विशेष गहन पुनरीक्षण को देश के लोकतंत्र के हित में बताते हुए कहा कि यह प्रक्रिया पूरी तरह संविधान के अनुरूप है।
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राजीव रंजन सिंह ने SIR प्रक्रिया के समर्थन में दिया बड़ा बयान
वहीं, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चुनाव आयोग और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल तभी उठाए जाते हैं जब विपक्ष को चुनाव हारने का डर होता है। उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव के संदर्भ में भी ऐसे आरोपों को राजनीतिक रणनीति करार दिया। जोशी ने कहा कि कांग्रेस हार से पहले बहाने बना रही है और चुनाव आयोग का निर्णय देश के लोकतंत्र के लिए सही है। इस बीच, विपक्ष ने बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ संसद के मकर द्वार पर लगातार पांचवें दिन विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी भी शामिल हुए।
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प्रह्लाद जोशी ने विपक्ष पर चुनाव आयोग पर सवाल उठाने का आरोप लगाया
भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया है। यह विरोध लगातार पाँचवें दिन भी जारी रहा और इसमें विपक्ष के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह प्रक्रिया कई मतदाताओं के अधिकारों को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, केंद्र सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई लोकतंत्र की शुद्धता और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जरूरी है। इस विवाद ने चुनावी राजनीति में नई बहस छेड़ दी है, जिससे आगामी चुनावों में इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है।