- संगठनों के संयुक्त प्रयास से जागरूकता शिविर का आयोजन, विशेषज्ञों ने की कानूनन अनिवार्यता की मांग
- शिक्षकों और विशेषज्ञों की राय: स्कूल-कॉलेज में थैलेसीमिया जांच अनिवार्य हो
जेबी लाइव, रिपोर्टर
झाड़ग्राम में थैलेसीमिया जैसी गंभीर आनुवंशिक बीमारी के प्रति जनजागरूकता को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया। सैरिंद्री स्वयंसेवी संगठन, जंगलमहल इनिशिएटिव की पश्चिम मेदिनीपुर शाखा, थैलेसीमिया निवारण सोसाइटी और द इंस्टीट्यूट फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस के संयुक्त तत्वावधान में थैलेसीमिया जागरूकता एवं वाहक पहचान शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में लगभग 300 छात्रों की जांच की गई और परिणामों को सुरक्षित रूप से दर्ज किया गया। संगठन के अध्यक्ष अभिनय कुमार मल्लिक की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि सुब्रत महापात्र ने कहा कि “विवाह से पूर्व थैलेसीमिया की जांच, समाज की असली ज़रूरत बन चुकी है।”
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थैलेसीमिया के प्रति बढ़ रही है सामाजिक सजगता
इस अवसर पर वक्ताओं ने इस बीमारी की गंभीरता पर ज़ोर देते हुए इसे स्कूल और कॉलेज स्तर पर अनिवार्य करने की सिफारिश की। शिक्षक सुदीप कुमार खांरा ने कक्षा 9 और 11 में नामांकन से पूर्व जांच को कानूनन आवश्यक बनाने की बात कही। कॉलेज प्राचार्य डॉ. संजीव सेन ने कहा कि छात्रों को इस विषय में शिक्षित करना शिक्षण संस्थानों की सामाजिक जिम्मेदारी है। इस मौके पर विभिन्न स्कूलों और संस्थानों के प्रमुख, थैलेसीमिया निवारण संघ के सदस्य, और जंगलमहल उद्योग की प्रतिनिधियों ने अभियान को समर्थन दिया। सभी ने इस प्रयास को समाज के स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक आवश्यक पहल बताया।