- महुलडांगरी विद्यालय में संसाधनों का अभाव, बच्चों का भविष्य अधर में
- खाली पड़ा है पास का स्कूल, फिर भी बच्चे दालान में पढ़ने को मजबूर
जेबी लाइव, रिपोर्टर
बहरागोड़ा प्रखंड के पाथरी पंचायत अंतर्गत महुलडांगरी गांव में स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय में शिक्षा की स्थिति बेहद दयनीय है। विद्यालय में कक्षा 1 से 8 तक के कुल 186 छात्र नामांकित हैं, लेकिन उनके लिए सिर्फ तीन कमरे और एक जर्जर दालान उपलब्ध है। बारिश हो या तेज धूप, बच्चे इन्हीं तंग और असुरक्षित स्थानों में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। कई बार एक ही कमरे में दो या तीन कक्षाएं एक साथ चलती हैं, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित होती है। प्रधानाध्यापक श्रीकांत मुंडा ने बताया कि नए भवन की आवश्यकता को लेकर कई बार विभाग को सूचित किया गया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई है।
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बच्चों की पढ़ाई पर संकट, एक ही कमरे में दो से तीन कक्षाएं
सबसे विडंबनापूर्ण स्थिति यह है कि महुलडांगरी से महज एक किलोमीटर दूर स्थित पानीजा उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय में पर्याप्त कमरे हैं, लेकिन वहां पढ़ाई नहीं हो रही। पूर्व में यह स्कूल महुलडांगरी विद्यालय में विलय कर दिया गया था, जिससे एक ओर बच्चों को बैठने की जगह नहीं मिल रही, और दूसरी ओर एक स्कूल खाली पड़ा है। यह प्रशासनिक असंतुलन शिक्षा व्यवस्था की बदहाली को उजागर करता है। सरकार भले ही “गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा” की बात कर रही हो, लेकिन महुलडांगरी के बच्चों का सपना फिलहाल दालान की सीमाओं में कैद है।