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Potka : माझी बाबा ने उठाई पेसा कानून की मांग, गांव-गांव जागरूकता अभियान शुरू

  • ग्राम सभा के अधिकारों को लौटाने की मांग तेज
  • आदिवासी समाज ने राज्य सरकार पर उठाए सवाल
  • जादूगोड़ा के डुगरीडीह से शुरू हुआ ऐतिहासिक अभियान, गांवों में बढ़ी जागरूकता

जेबी लाइव, रिपोर्टर

पोटका प्रखंड के राजदोहा गांव में शुक्रवार शाम माझी बाबा और ग्राम प्रधानों की विशेष बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें पेसा कानून को राज्य में जल्द लागू करने की मांग की गई। वक्ताओं ने कहा कि पेसा कानून (PESA Act) को केंद्र सरकार ने 24 दिसंबर 1996 को अधिसूचित कर दिया था, जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है और यह गजट में प्रकाशित भी हो चुका है। बावजूद इसके झारखंड सरकार ने अभी तक इस कानून को लागू नहीं किया है, जो कि आदिवासी समाज के साथ अन्याय है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार और जनप्रतिनिधि जानबूझकर पेसा को टाल रहे हैं क्योंकि इससे ग्राम सभा और ग्रामीणों को अधिकार मिलने लगेंगे।

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राज्य में पेसा कानून लागू करने में देरी, आदिवासी समाज ने जताई नाराज़गी

बैठक में यह तय किया गया कि डोमजूड़ी पंचायत क्षेत्र के विभिन्न गांवों में शनिवार से जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत माझी बाबा और ग्राम प्रधान गांव-गांव जाकर ग्रामीणों को पेसा कानून की जानकारी देंगे। वे बताएंगे कि यह कानून आदिवासी इलाकों में कैसे काम करेगा, ग्राम सभा की क्या भूमिका होगी और पारंपरिक अधिकारों की पुनःस्थापना कैसे की जाएगी। साथ ही, कानून के प्रशासनिक ढांचे, संस्कृति और संविधान से इसके तालमेल की भी जानकारी दी जाएगी। वक्ताओं ने कहा कि इस कानून से ग्राम सभाएं मजबूत होंगी और विकास योजनाओं में उनकी सीधी भागीदारी सुनिश्चित होगी।

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गांव-गांव जाकर दी जाएगी पेसा कानून की जानकारी, शुरू हुआ अभियान

बैठक में माझी युवराज टुडू, लेदेंम किस्कू, हरि पदों मुर्मू, सुशील हांसदा, शंकर सोरेन, शिव चरण मुर्मू, अनिल मुर्मू, बुधराय सोरेन और सहायक प्राध्यापक अम्पा कुमार हेंब्रम ने अपने विचार रखे। सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि अब और इंतजार नहीं किया जा सकता। अगर सरकार देरी करती है, तो ग्राम स्तर पर ही पेसा कानून को लागू करने की पहल की जाएगी। इस अभियान की शुरुआत शनिवार को जादूगोड़ा के डुगरीडीह गांव से की जाएगी, जो कि आदिवासी समाज को उनके संवैधानिक अधिकारों के प्रति जागरूक और संगठित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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