- “पूर्वजों की जमीन पर अन्याय नहीं सहेंगे”, सांसद ने विस्थापन और रोजगार के मुद्दे पर SAIL प्रबंधन से की बातचीत
- यूनियन नेता के जिला बदर पर भी गरमाया माहौल, सांसद से हुई मुलाकात
फतेह लाइव, रिपोर्टर
सेल (SAIL) के विस्तारीकरण परियोजना को लेकर गुवा क्षेत्र में उठे विस्थापन के मुद्दे ने अब राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। इस मुद्दे पर पूर्व मंत्री और चाईबासा की सांसद जोबा मांझी गुवा पहुंचीं और जाटा हाटिंग बस्ती में विस्थापन की आशंका से चिंतित ग्रामीणों से भेंट की। ग्रामीणों ने सांसद को बताया कि सर्वे के नाम पर उन्हें अनदेखा किया जा रहा है, जिससे वे डरे हुए हैं। सांसद ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि जब तक एक-एक परिवार का पुनर्वास नहीं होगा, तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगी। उन्होंने कहा – “हमारे पूर्वजों ने खून-पसीने से सेल को खड़ा किया है। अगर रोजगार और पुनर्वास नहीं मिला, तो माइंस बंद भी हो सकते हैं।”
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विस्थापन पर भड़कीं सांसद, कहा – जमीन छीनी तो संसद में उठेगी आवाज
ग्रामीणों ने शिकायत की कि SAIL द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में करीब 100 परिवारों को शामिल ही नहीं किया गया है, जिससे पुनर्वास की योजना अधूरी और अन्यायपूर्ण हो गई है। सांसद जोबा मांझी ने इसे गंभीर मामला बताते हुए दोबारा सर्वे की मांग की और कहा कि किसी भी सूरत में बिना समुचित पुनर्वास के विस्थापन नहीं होने देंगे। इसके बाद सांसद ने गुवा स्थित सेल के सीजीएम कमल भास्कर से मुलाकात कर ग्रामीणों की बातों को सीधे तौर पर रखा। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब तक स्थानीय बेरोजगारों को प्राथमिकता और सभी प्रभावित परिवारों को पुनर्वास नहीं मिलता, तब तक विस्तारीकरण को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
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सांसद और SAIL CGM के बीच विस्थापन को लेकर खुली बातचीत
इस दौरान झारखंड मजदूर संघर्ष संघ यूनियन के महामंत्री अंतर महाकुड़ ने सांसद से मुलाकात की और यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष रामा पांडे को छह महीने के लिए जिला बदर किए जाने की निष्पक्ष जांच की मांग की। सांसद ने इस पर आश्वासन दिया कि वे इस मामले को उपायुक्त और संबंधित अधिकारियों के समक्ष गंभीरता से रखेंगी। मौके पर झामुमो जिला अध्यक्ष सोनाराम देवगम, जिप अध्यक्ष लक्ष्मी सुरेन, मुखिया लिपी मुंडा सहित कई जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता मौजूद रहे, जिन्होंने विस्थापितों के समर्थन में एकजुटता दिखाई।