- कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में अमानवीय सज़ा, परिजनों में आक्रोश, जांच शुरू
- शिक्षा बनाम सजा : अनुशासन की आड़ में बच्चों की जान से खिलवाड़
जेबी लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर के पटमदा प्रखंड स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां स्कूल पहुंचने में मात्र 5 मिनट की देरी पर चार छात्राओं को 200 बार उठक-बैठक करने की कठोर सजा दी गई। यह घटना सोमवार को घटी जब 12वीं कक्षा की चार छात्राएं सजा के कारण बेहोश होकर गिर पड़ीं और उन्हें तत्काल माचा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। स्थिति गंभीर होने पर उन्हें जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराना पड़ा, जहां उनका इलाज जारी है। परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने इस घटना की जानकारी उन्हें नहीं दी और उन्हें आस-पास के लोगों से यह सूचना मिली।
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छात्राओं की तबीयत बिगड़ी, परिजनों में डर का माहौल
घटना के बाद पूरे क्षेत्र में आक्रोश का माहौल है और अभिभावकों के मन में भय बैठ गया है कि अगर बच्चों से मामूली अनुशासनहीनता पर इस तरह का व्यवहार किया गया, तो वे उन्हें स्कूल भेजने से डरेंगे। जिला शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है और दोषी पाए जाने पर संबंधित शिक्षक पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घटना शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है, जहां अनुशासन के नाम पर बच्चों की जान खतरे में डाली जा रही है। आज जब शिक्षा को बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के साथ जोड़ा जा रहा है, ऐसे मामलों ने चिंता बढ़ा दी है।