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Jamshedpur : बहरागोड़ा में हाथियों का कहर जारी, बांस की खेती तबाह, ग्रामीणों की आजीविका संकट में

  • भादुआ और आसपास के गांवों में तीन महीने से हाथियों का आतंक, फसलों को पहुंचा भारी नुकसान
  • ग्रामीणों ने की मुआवजे और स्थायी समाधान की मांग, वन विभाग से की कार्रवाई की अपील

जेबी लाइव, रिपोर्टर

बहरागोड़ा प्रखंड के भादुआ, लुगाहारा, पानीशोल और लोधनवोनी गांवों में बीते तीन महीनों से जंगली हाथियों का आतंक ग्रामीणों के लिए संकट बन गया है। शनिवार सुबह भादुआ गांव के जंगलों में छह हाथियों का झुंड देखा गया, जिससे इलाके में दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए हाथियों को पश्चिम बंगाल सीमा की ओर खदेड़ने का प्रयास किया, लेकिन इस बीच निरंजन महतो की दो बीघा बांस की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई। यह नुकसान अब आम बात होती जा रही है और किसानों की आय के मुख्य स्रोत पर सीधा असर पड़ रहा है। चूंकि ये गांव चारों ओर से जंगल से घिरे हैं, इसलिए हाथियों की आवाजाही सामान्य होती जा रही है। ग्रामीणों के अनुसार, हाथी बांस और तिल की खेती को लगातार रौंद रहे हैं।

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हाथियों से बर्बाद हुई बांस की फसल, किसानों की आय का मुख्य जरिया ठप

स्थानीय किसानों ने बताया कि जब धान की खेती संभव नहीं होती, तो वे बांस बेचकर जीवनयापन करते हैं। वर्तमान में एक बांस की कीमत 100 से 120 रुपये तक है, लेकिन बार-बार के हमलों से अब खेत खाली हो रहे हैं। किसानों की चिंता है कि यदि यही हाल रहा, तो परिवार का भरण-पोषण मुश्किल हो जाएगा। ग्रामीणों ने वन विभाग से अपील की है कि सिर्फ हाथी भगाने से समाधान नहीं होगा, बल्कि स्थायी उपाय किए जाएं। वे मुआवजा और हाथियों के लिए अलग आश्रय क्षेत्र की मांग कर रहे हैं, ताकि फसलों और ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

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