- योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन पर दिया गया जोर
- जिला समन्वय समिति की बैठक में विकास कार्यों को मिलेगी नई रफ्तार
- ग्रामीण विकास, कृषि और सफाई व्यवस्था को लेकर लिए गए निर्णायक कदम
झारखंड बिहार लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर स्थित जिला समाहरणालय सभागार में सांसद विद्युत वरण महतो की अध्यक्षता में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में बहरागोड़ा के विधायक समीर मोहंती, पोटका के विधायक संजीव सरदार, जुगसलाई के विधायक मंगल कालिंदी और जमशेदपुर पूर्व की विधायक पूर्णिमा साहू समेत कई जनप्रतिनिधियों व जिला स्तरीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और उन्हें धरातल पर प्रभावी रूप से लागू करना था। सांसद ने स्पष्ट रूप से कहा कि योजनाओं का सीधा लाभ आम जनता तक पहुँचना चाहिए।
इसे भी पढ़ें :
योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सांसद ने जताई सख्ती
बैठक में लंबित योजनाओं की समीक्षा करते हुए बुनियादी सुविधाओं जैसे जलापूर्ति, बिजली व्यवस्था और सड़क मरम्मत पर विशेष ध्यान दिया गया। ऊर्जा मित्रों को निर्देश दिया गया कि वे समय पर बिजली बिल वितरित करें और खराब ट्रांसफॉर्मरों को तय समय में दुरुस्त करें। जल योजनाओं में सुधार, जल स्रोतों के सर्वेक्षण, पुराने बांस के खंभों को बदलने और पाइपलाइन बिछाने से क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के निर्देश भी दिए गए। इसके अलावा बालिका विद्यालयों में शौचालय व बाउंड्री वॉल की मरम्मत को प्राथमिकता दी गई।
इसे भी पढ़ें :
जल, बिजली और शिक्षा से जुड़ी समस्याओं पर लिए गए अहम फैसले
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को लेकर भी बैठक में कई अहम निर्णय लिए गए। ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में एएनएम की उपस्थिति सुनिश्चित करने, बहरागोड़ा ट्रॉमा सेंटर की निगरानी बढ़ाने और एमजीएम अस्पताल को दो शव वाहन उपलब्ध कराने की बात कही गई। साथ ही, ई-केवाईसी की धीमी प्रगति पर चिंता जताते हुए पंचायत स्तर पर विशेष कैंप लगाने का निर्देश दिया गया। बैंक शाखाओं में कर्मियों के व्यवहार को लेकर आई शिकायतों पर भी त्वरित सुधारात्मक कदम उठाने की बात कही गई।
इसे भी पढ़ें :
स्वास्थ्य सेवाओं और बैंकिंग सिस्टम में सुधार की दिशा में उठाए गए कदम
कृषि और ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए भी कई सुझाव दिए गए। गुड़ाबांदा में बकरी पालन योजना के तहत मृत बकरियों के बीमा क्लेम को शीघ्र स्वीकृत करने और नए पशु उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। चाकुलिया के चार पंचायत भवनों में प्रज्ञा केंद्रों की शुरुआत, आंगनबाड़ी केंद्रों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना और किसानों तक कृषक पाठशालाओं की जानकारी पहुँचाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों से समन्वय की योजना बनाई गई। नालों की नियमित सफाई, तालाब निर्माण में तेजी, राशन वितरण की निगरानी और खेल क्लबों के गठन पर भी विशेष बल दिया गया।