- भू-अर्जन और मुआवजा वितरण की प्रक्रिया को लेकर अधिकारियों को दिए गए स्पष्ट निर्देश, जनहित से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता पर जोर
- अधिकारियों को पारदर्शिता और रैयतों के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश
जेबी लाइव, रिपोर्टर
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देशानुसार समाहरणालय सभागार में जिले की विभिन्न सड़क और रेल परियोजनाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अपर उपायुक्त भगीरथ प्रसाद ने की। इसमें पिछली से कुदाड़ा पथ, भागाबंदी से ओड़िशा सीमा तक सड़क, मानगो स्वर्णरेखा नदी पर पुल निर्माण जैसी प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति पर चर्चा की गई। इन सभी परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की गई।
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प्रमुख पथ परियोजनाओं की स्थिति और प्रगति की समीक्षा
बैठक में मुआवजा वितरण की धीमी प्रक्रिया पर चिंता जताई गई और इसे शीघ्र निपटाने हेतु कैम्प मोड में कार्रवाई का निर्देश दिया गया। अधिकारियों से कहा गया कि प्रभावित रैयतों से स्थल पर ही दावे और आपत्तियाँ प्राप्त कर तुरंत सुनवाई एवं भुगतान की प्रक्रिया सुनिश्चित करें। अपर उपायुक्त ने कहा कि जहां अधिक जनसंख्या प्रभावित हो रही है, वहां अंचल कार्यालय और पथ निर्माण विभाग संयुक्त सर्वेक्षण कर सटीक आकलन करें। सहमति आधारित भू-अर्जन की प्रक्रिया अपनाई जाए।
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मुआवजा वितरण में कैम्प आधारित रणनीति अपनाने के निर्देश
बैठक में उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि सभी विकास कार्य जनहित से जुड़े हैं, अतः उनकी प्रगति में पारदर्शिता आवश्यक है। रैयतों के अधिकारों की रक्षा करते हुए उनकी आपत्तियों का प्राथमिकता से निपटारा किया जाए। बैठक में जिला भू-अर्जन पदाधिकारी गुंजन सिन्हा, कार्यपालक अभियंता दीपक सहाय, मानगो सीओ ब्रजेश श्रीवास्तव समेत अन्य अंचलाधिकारी व विभागीय प्रतिनिधि उपस्थित थे। सामूहिक प्रयासों से निर्माण कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर कर समय पर परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।