- नेता प्रतिपक्ष ने गिरिडीह के पैतृक गांव में परंपरागत तरीके से की धान रोपाई, ग्रामीणों ने जताया गर्व
- सोशल मीडिया पर वायरल हुईं तस्वीरें, लोगों ने कहा – असली नेता की पहचान
झारखंड बिहार लाइव, रिपोर्टर
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एक बार फिर अपनी जड़ों से जुड़े रहने का उदाहरण पेश किया। गिरिडीह जिले के तिसरी प्रखंड स्थित अपने पैतृक गांव कोदाईबांक में वे घुटनों तक पानी में खड़े होकर धान की रोपाई करते नजर आए। मरांडी ने परंपरागत तरीकों से रोपाई कर यह संदेश दिया कि खेती सिर्फ आजीविका नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। इस दृश्य को देखकर गांव के लोग भावुक हो गए और उन्होंने गर्व के साथ कहा कि उनका नेता आज भी अपनी मिट्टी से जुड़ा हुआ है।
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खेत में नेता को देखकर खुश हुए ग्रामीण, बताया ‘धरती पुत्र‘
बाबूलाल मरांडी ने धान रोपाई करते हुए कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा कीं और लिखा – “खेती करना मेरे लिए केवल एक कार्य नहीं, यह आत्मिक संतोष और मिट्टी से गहरे जुड़ाव का अनुभव है। यह न केवल हमें आत्मनिर्भर बनाता है, बल्कि जीवन में विनम्रता और स्थायित्व की शिक्षा भी देता है।” उनकी यह सादगी और ग्रामीण जीवन से जुड़ाव की भावना लोगों को गहराई से छू गई। राजनीतिक गलियारों से दूर यह पहलू एक जननेता के असली चरित्र को सामने लाता है।