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New Delhi : जगदीप धनखड़ का इस्तीफा देशभर में चर्चा का विषय, सत्ता-पक्ष और विपक्ष में शुरू हुआ आरोप-प्रत्यारोप

  • स्वास्थ्य कारण या कुछ और? उपराष्ट्रपति के इस्तीफे ने उठाए राजनीतिक सवाल, राष्ट्रपति ने मंजूर किया इस्तीफा, पीएम मोदी ने जताई चिंता
  • राजनीतिक विश्लेषकों की चिंता, कहीं अंदरूनी मतभेद तो नहीं इस्तीफे की वजह?

जेबी लाइव, रिपोर्टर

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया। इसके बाद इस्तीफा गृह मंत्रालय को भेजा गया, जिसने संविधान के अनुच्छेद 67A के तहत इसकी जानकारी सार्वजनिक की। इस्तीफा ऐसे समय पर आया जब संसद का मानसून सत्र प्रारंभ हुआ ही था। इस अचानक लिए गए फैसले ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं और कयासों का दौर तेज कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना की और उनके कार्यकाल की सराहना की।

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राष्ट्रपति ने स्वीकार किया इस्तीफा, पीएम मोदी ने जताई चिंता, देश में छाया सन्नाटा

विपक्ष ने धनखड़ के इस्तीफे को रहस्यमयी करार देते हुए इसके पीछे गहरी साजिश की आशंका जताई है। कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा कि यह पूरी तरह चौंकाने वाला है और स्वास्थ्य को वजह बताना पर्याप्त नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला दबाव में काम कर रहे हैं। जेएमएम सांसद महुआ माजी ने भी इसी तरह की प्रतिक्रिया दी और सवाल उठाया कि जब वे सुबह संसद आए थे तो कोई संकेत नहीं था कि इस्तीफा देंगे।

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विपक्ष ने उठाए सवाल, बोले- क्या सिर्फ स्वास्थ्य कारण है या कोई गहरी साजिश?

राजद सांसद मनोज झा ने सरकार पर ‘गैर पारदर्शिता’ का आरोप लगाते हुए कहा कि बीच कार्यकाल में इस्तीफा देना सामान्य नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार की हर प्रक्रिया पर संदेह होने लगा है क्योंकि पारदर्शिता का पूरी तरह अभाव है। चंद्रशेखर आजाद ने इस्तीफे को चिंता का विषय बताया और कहा कि इस्तीफा अचानक हुआ है, लेकिन उन्होंने धनखड़ के कार्यकाल की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रपति से इस्तीफा स्वीकारने की मांग की।

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गैर पारदर्शिता पर विपक्ष हमलावर, चंद्रशेखर बोले- इस्तीफा स्वीकार हो, पर चिंता जायज

सत्तापक्ष ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि वह संवेदनशील मुद्दे पर भी राजनीति कर रहा है। भाजपा सांसद रवि किशन ने कहा कि विपक्ष तो किसी के स्वास्थ्य पर भी राजनीति करने से नहीं चूकता। उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर ने उन्हें आराम की सलाह दी है तो इस पर राजनीति दुर्भाग्यपूर्ण है। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी कहा कि इस्तीफा चौंकाने वाला जरूर है, लेकिन अगर स्वास्थ्य कारण हैं, तो उन्हें प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

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सत्तापक्ष ने विपक्ष को घेरा, कहा- इंसानियत पर भी राजनीति कर रहा है विपक्ष

भाजपा सांसद डॉ. भागवत किशनराव कराड ने खुलासा किया कि कुछ समय पहले उपराष्ट्रपति एम्स में भर्ती भी हुए थे। ऐसे में उनके इस्तीफे को केवल राजनीतिक चश्मे से देखना गलत है। वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर का रुख बाकी विपक्षी नेताओं से अलग दिखा। उन्होंने किसी तरह की राजनीतिक टिप्पणी नहीं करते हुए केवल स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। यह उनके संवेदनशील दृष्टिकोण को दर्शाता है।

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शशि थरूर ने दिखाया संयम, बोले- राजनीति से ऊपर है स्वास्थ्य की चिंता

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उपराष्ट्रपति का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब देश में राजनीतिक गतिविधियां तेज हैं और संसद का सत्र चल रहा है। ऐसे में ये सवाल उठना स्वाभाविक है कि क्या वास्तव में कारण सिर्फ स्वास्थ्य है या फिर इसके पीछे कोई अंदरूनी मतभेद या दबाव है। सत्तापक्ष जहां इसे मानवता और संवेदनशीलता का विषय बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे लोकतंत्र की पारदर्शिता पर सवाल मान रहा है। बहरहाल, धनखड़ के इस्तीफे ने देश की राजनीति में हलचल जरूर मचा दी है।

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