- समाज कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने योजनाओं की धीमी प्रगति पर जताई नाराज़गी, समयबद्ध कार्रवाई के निर्देश
- योजनाओं के क्रियान्वयन में जवाबदेही होगी तय, उपायुक्त ने दिया स्पष्ट संदेश
जेबी लाइव, रिपोर्टर
जमशेदपुर समाहरणालय सभागार में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में समाज कल्याण विभाग की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रभारी जिला समाज कल्याण पदाधिकारी डेविड बलिहार, सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका और अंचल अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। उपायुक्त ने स्पष्ट कहा कि योजनाओं में सुस्ती और लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने 41 सेविका और 54 सहायिका के रिक्त पदों को एक माह के भीतर भरने का निर्देश दिया। 1118 आंगनबाड़ी केंद्र सरकारी भवनों में संचालित हो रहे हैं जबकि 213 भवनों का निर्माण जारी है। उपायुक्त ने निर्माण कार्यों की नियमित निगरानी और गुणवत्ता सुनिश्चित करने को कहा।
इसे भी पढ़ें : Bihar : पटना में जलजमाव पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका, 28 साल का बारिश का रिकॉर्ड टूटा
रिक्त पदों और निर्माण कार्यों की धीमी गति पर जताई चिंता
शौचालय सुविधा की समीक्षा में पाया गया कि 199 आंगनबाड़ी केंद्रों में निर्माण कार्य अधूरा है। उपायुक्त ने स्वच्छता को प्राथमिकता देने और निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने का निर्देश दिया। साथ ही 114 केंद्रों में बिजली न पहुंचने की स्थिति पर नाराज़गी जताई गई। उपायुक्त ने तकनीकी कारणों की रिपोर्ट तत्काल सौंपने और विद्युत विभाग से समन्वय कर बिजली उपलब्ध कराने को कहा। पोषण वाटिका के मामले में भी प्रगति बेहद धीमी रही। 300 मॉडल केंद्रों के लक्ष्य में केवल 112 में कार्य प्रगति पर है, जिसे उपायुक्त ने बेहद गंभीर बताया।
इसे भी पढ़ें : Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट सख्त, जलाशयों पर अतिक्रमण मामले में दो सचिव, रांची DC और निगम प्रशासक को तलब
स्वच्छता और पोषण वाटिका की स्थिति पर जताई नाराजगी
पोषण ट्रैकर में दर्ज 1,46,963 लाभुकों में से 0–6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के स्वास्थ्य मापन की प्रगति केवल 80 प्रतिशत रही, जिसे उपायुक्त ने गंभीर मानते हुए संबंधित अधिकारियों को 24 घंटे में सुधार का अल्टीमेटम दिया। उन्होंने चेतावनी दी कि समयसीमा में मापन नहीं हुआ तो सीडीपीओ को नोटिस और महिला पर्यवेक्षिका का वेतन रोका जाएगा। उन्होंने कहा कि सिर्फ कुपोषण की जानकारी देना पर्याप्त नहीं है, बल्कि समाधान और उपचार की दिशा में भी ठोस प्रयास जरूरी हैं।
इसे भी पढ़ें : Chaibasa : जहरीले सांप के डसने से मासूम की हालत नाजुक, ग्रामीणों में आक्रोश
बच्चों के स्वास्थ्य मापन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं
बैठक में आधार प्रमाणीकरण और फेस ऑथेंटिकेशन की धीमी प्रगति पर भी असंतोष व्यक्त किया गया। उपायुक्त ने सभी प्रखंडों में आधार शिविर लगाने और लाभुकों को योजनाओं से जोड़ने के लिए सक्रियता बढ़ाने को कहा। VHSND (ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुए इसे प्राथमिकता से लेने और निगरानी को सख्त करने का निर्देश दिया गया। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में अब तक केवल 14,562 लाभुकों का पंजीकरण हुआ है, जबकि लक्ष्य 21,025 है। उपायुक्त ने शेष पंजीकरण जल्द पूरा करने और जन-जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए।
इसे भी पढ़ें : Jamshedpur : नरभेराम मोटर्स पर वादा-खिलाफी का आरोप, ACIB ने कंज्यूमर कोर्ट में दर्ज कराया मामला
योजनाओं में पंजीकरण और आधार सत्यापन में तेजी लाने के निर्देश
सावित्रीबाई फुले समृद्धि योजना के तहत जिले को 55 हजार लाभुकों का लक्ष्य मिला था, जिसमें अब तक 85% ही प्राप्ति हुई है। शेष लाभुकों को चिन्हित कर शिक्षा विभाग से समन्वय बनाकर लाभ दिलाने के निर्देश दिए गए। वन स्टॉप सेंटर में रिक्त पदों की शीघ्र नियुक्ति और वृद्धाश्रम की मरम्मत को भी प्राथमिकता देने को कहा गया। उपायुक्त ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे जवाबदेही तय करें और समयबद्ध ढंग से योजनाओं को ज़मीनी स्तर तक पहुँचाएं।