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Baharagoda : वेतन और सुविधा की मांग को लेकर 108 एंबुलेंस कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल, मरीज बेहाल

  • सरकारी समझौते के अमल न होने से नाराज कर्मचारी बोले हमारी मांगें नहीं मानी गईं, अब आर-पार की लड़ाई
  • सेवा बहाल की मांग तेज कर्मचारी बोले, जब तक समाधान नहीं, आंदोलन जारी रहेगा

जेबी लाइव, रिपोर्टर

बहरागोड़ा में 108 एंबुलेंस सेवा पूरी तरह ठप हो गई है, जिससे आम नागरिकों खासकर मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। 28 जुलाई से जारी इस अनिश्चितकालीन हड़ताल का नेतृत्व झारखंड प्रदेश एंबुलेंस कर्मचारी संघ कर रहा है। इस हड़ताल के चलते गांवों और कस्बों से अस्पताल आने-जाने में मरीजों को निजी वाहनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है, जिनमें न ऑक्सीजन है और न ही कोई प्राथमिक चिकित्सा सुविधा। परिजन बताते हैं कि समय पर एंबुलेंस न मिलने से उन्हें भगवान भरोसे ही इलाज के लिए सफर करना पड़ रहा है।

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108 सेवा बंद, गांवों में मरीज बेहाल निजी गाड़ियों से इलाज के लिए हो रही जद्दोजहद

कर्मियों का आरोप है कि ‘सम्मान फाउंडेशन’ ने 26 जून 2025 को एक लिखित समझौते में उन्हें वेतन, बकाया भुगतान, बीमा, EPF और ESIC जैसी सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। फरवरी से जून तक का वेतन बकाया है, जिससे कर्मियों के सामने रोज़मर्रा की जरूरतें पूरी करना भी मुश्किल हो गया है। कर्मचारी यह भी आरोप लगा रहे हैं कि जब उन्होंने अपने अधिकारों की मांग की, तो संस्था द्वारा उन्हें धमकी भरे पत्र भेजे जा रहे हैं। इससे कर्मियों में भारी रोष है और वे अपने हक को लेकर पीछे हटने के मूड में नहीं हैं।

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समझौते को अब तक नहीं मिला अमलीजामा कर्मचारियों ने जताया गहरा असंतोष

धरना प्रदर्शन में देबदत्त पात्र, राजेश कुमार दुबे, सोरज कुमार नाथ, कान्हू चरण बेरा समेत दर्जनों कर्मचारी शामिल हैं। इस स्थिति का सीधा असर ज़मीनी स्तर पर मरीजों की जान पर पड़ रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग कई किलोमीटर दूर अस्पताल जाने के लिए किराए की गाड़ियों का सहारा ले रहे हैं, जिससे इलाज में देरी और जोखिम दोनों बढ़ रहे हैं। सरकार और प्रशासन से मांग की जा रही है कि वे तुरंत हस्तक्षेप कर इस समस्या का समाधान निकालें ताकि मरीजों की जान से जुड़ी यह अहम सेवा फिर से चालू हो सके।

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